आखरी अपडेट: 02 जनवरी, 2023, 11:19 पूर्वाह्न IST
फैसले न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ द्वारा दिए जाएंगे। (प्रतिनिधित्व के लिए फाइल फोटो: रॉयटर्स)
सुप्रीम कोर्ट 8 नवंबर, 2016 को केंद्र द्वारा घोषित विमुद्रीकरण अभ्यास को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र के नोटबंदी के फैसले को बरकरार रखा और इस कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर असहमति वाला फैसला सुनाया।
पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कार्यपालिका की आर्थिक नीति होने के नाते निर्णय को उलटा नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट 8 नवंबर, 2016 को केंद्र द्वारा घोषित विमुद्रीकरण अभ्यास को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इस तरह के उपाय को लाने के लिए एक उचित सांठगांठ थी, और हम मानते हैं कि आनुपातिकता के सिद्धांत से विमुद्रीकरण प्रभावित नहीं हुआ था।
अदालत ने कहा कि आरबीआई के पास विमुद्रीकरण लाने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और यह निर्णय केंद्र और आरबीआई के बीच परामर्श के बाद लिया गया था।
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