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- सत्ता पक्ष ने देश का माहौल गंदा कर दिया है, आज कोई भी अभिनेता जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसकी फिल्मों का बहिष्कार किया जाता है।
3 मिनट पहलेलेखक: अमित कर्ण
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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में कुछ दिन पहले ही बॉलीवुड और बांग्ला फिल्मों की एक्ट्रेस रिया सेन शामिल हुई थीं। अब इस अभियान को फिल्म डायरेक्टर अमोल पालेकर का समर्थन मिला। अमोल पालेकर का कहना है उनका भारत के संविधान के प्रति गहरी श्रद्धा है। उनका कहना है कि भारत जोड़ो अभियान का समर्थन उन्होंने पॉलिटिक्स के परे जाकर किया है। उन्होंने इस अभियान से जुड़ने की वजहें के बारे में दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत की है।
आज सत्तावादी पार्टी ने देश का माहौल गंदा कर दिया है
जब भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हुई, तभी मैंने और मेरी पत्नी संध्या गोखले ने इसके साथ जुड़ जाने का निर्णय लिया था। सत्तारूढ़ पार्टी की विचार धारा ने आज देश का माहौल गंदा कर दिया गया है, धर्म के नाम पर, जात-पात के नाम पर, भाषा के नाम पर बंटवारा किया जा रहा है। उससे असहमति दर्शाने वाले, अलग विचार लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता हम जैसे लोगों को लग रही है। आज तक हमने ना किसी एक राजनीतिक पार्टी की विचारधारा का समर्थन किया है ना करेंगे। हमारी पूरी श्रद्धा, पूरा विश्वास भारतीय संविधान पर है। हमारी निष्ठा भारत देश के प्रति है इसीलिए जब राहुल गांधी ने नफरत छोड़ो भारत जोड़ो का नारा दिया तो हमें लगा कि उसमें शामिल होना जरूरी है।

लोकतंत्र में संवाद होना जरूरी
राहुल गांधी ने हम दोनों के विचार सुने, विभिन्न विषयों पर चर्चा की। लोकतंत्र में एकतरफा मन की बात करने के बजाय इसी प्रकार का संवाद होना चाहिए। यही संवाद करने की इच्छा और क्षमता हमें राहुल में दिखाई दी। ग्रास रूट स्तर पर जाकर लोगों के विचार सुनने तथा उनकी समस्याएं, तकलीफ़ समझने के उनके इंटेंनशन का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ। जनता इस समय जो कठिनाइयां झेल रही है राहुल गांधी को उस चीज का अनुमान है।
80 के दशक में भी एक्टर्स पॉलिटिक्स में हिस्सा लेते थे
हमारे समय की बात करें तो कॉन्ग्रेस की तरफ़ से राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, बीजेपी के लिए शत्रुघ्न सिन्हा जैसे स्टार्स इलेक्शन लड़कर जीते थे। वैसे ही सीपीआई की तरफ से शबाना आजमी, समाजवादी पार्टी की तरफ से राज बब्बर जैसे कलाकार राजनीति में उतरे थे। इतना ही नहीं, साहिर लुधियानवी, कैफी आजमी, मृणाल सेन, बलराज साहनी, उत्पल दत्त, संजीव कुमार जैसे एक्टर्स IPTA के नाम वाली वामपंथी विचारधारा से जुड़े हुए कई लेखक, निर्देशक और कलाकार अपने अपने विभिन्न विचार बेहिचक प्रकट करते थे। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में तो शिवाजी गणेशन, एन टी रामाराव, एम जी रामचंद्रन से लेकर रजनीकांत और कमल हासन तक हर सुपर स्टार सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ राजनीति में उतरे हैं।
आज जो भी एक्टर रूलिंग पार्टी के खिलाफ बोलता है उसकी फिल्मों का बॉयकॉट हो जाता है
आज जब भी कोई कलाकार बीजेपी की विचारधारा से अलग राय रखता है तो उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है। उनकी फिल्में के लिए बॉयकॉट जैसे कैंपेन शुरू हो जाते हैं। रूलिंग पार्टी के खिलाफ बोलने वाले एक्टर्स को इंडस्ट्री में काम मिलना बंद हो जाता है। ऐसा खौफनाक माहौल इस देश में इमर्जेंसी का समय छोड़कर कभी नहीं था।
चुनावी राजनीति में मेरा कोई इंटरेंस्ट नहीं है
आज तक मैं या मेरी वाइफ किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपना समर्थन नहीं दिया। मैं चुनावी राजनीति राजनीति से बिल्कुल दूर रहता हूं। मैं किसी एक पार्टी का सदस्य होकर अपनी आजादी नहीं खोना चाहता। पार्टी के विचारधारा से असहमत होने का, या शासन के पॉलिसी का विरोध करने की आज़ादी हम खोना नहीं चाहते। भारत जोड़ो अभियान को समर्थन हमने पार्टी पॉलिटिक्स के परे जाकर, दूर रहकर दिया है।