कीव7 मिनट पहले
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रूस के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में ताइवान के युवा भी यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। ताइवान के कई लड़के यूक्रेन के सैनिकों के साथ मिलकर न सिर्फ युद्ध लड़ रहे हैं लेकिन अपनी देश से 8444 किलोमीटर दूर बसे इस देश के लिए अपनी जान भी गवां रहे हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जंग शुरू होने के बाद से अब तक हजारों विदेशी यूक्रेन का साथ देने के लिए वहां पहुंचे हैं। इनमें 10 ताइवान के भी हैं। जिनमें से एक शेंग गुआंग पिछले महीने रूसी हमले में मारा गया। शेंग की मौत के बाद जारी एक बयान में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने यूक्रेन की आजादी के लिए अपनी जान दी है। बीबीसी से बात करते हुए शेंग की मां ने कहा कि मैं हमेशा उसे एक बहादुर लड़के के तौर पर याद रखूंगी।

यूक्रेन से लड़ते हुए शहीद हुआ ताइवान का सैनिक शेंग गुआंग
क्यों यूक्रेन की फौज में शामिल हो रहे हैं ताइवान के लड़के
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ताइवान में रहने वाले लोगों को यूक्रेन की हालत अपने जैसी लगती है। ताइवान के लोग और वहां की सरकार का मानना है कि जिस तरह से रूस ने यूक्रेन में घुसपैठ की है। ठीक इसी तरह चीन भी उन पर हमला कर सकता है। इसलिए यूक्रेन से भाईचारा निभाने के लिए तायवान के लड़के रूस से जंग लड़ रहे हैं।

शेंग गुआंग की मां अपने बेटे को यूक्रेन में अंतिम विदाई देते हुए ।
जेलेंस्की ने की थी अपील
ताइवान में मिलिट्री में सर्विस देना अनिवार्य होता है इसी कारण यूक्रेन वहां के लोगों को अपनी सेना में शामिल कर रहा है। यूक्रेन में ताइवान के 28 साल के सैनिक जैक याओ ने बीबीसी को बताया कि उसने यूक्रेन की सेना जेलेंस्की की अपील के बाद ज्वाइन की। दरअसल युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उन्हें दूसरे देश के लोगों से वालंटियर बनने को कहा था। जिसके बाद दुनिया भर से कई लोग यूक्रेन की सेना में शामिल हुए।